प्राकृतिक कीटनाशी – कराईसोपा

हमारे यहाँ फसलों में पाया जाने वाला यह कराईसोपा एक महत्वपूर्ण कीटखोर कीट है। यह हमारी फसलों को हानि पहुँचाने वाले नर्म देह कीड़ों का प्रमुख प्राकृतिक शत्रु है। आमतौर पर इस कीट के प्रौढ़ रात को ही सक्रिय रहते हैं। अँधेरे में रोशनी पर आकर्षित होना इनके स्वभाव में शुमार होता है। हल्कि-हरे रंग …

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छैल-मक्खी – एक परभक्षिया कीटनाशी

छैल-मक्खी (Damsel fly) चौमासे (आमतौर पर जून, जुलाई और अगस्त) के दौरान विभिन्न फसलों में उड़ते हुए नजर आने वाली एक महत्वपूर्ण कीटखोर मक्खी है। हरियाणा में इसे तुलसा के नाम से जाना जाता है। लंबे, संकरे व पारदर्शी पंखों वाली ये मक्खियाँ कई रंगों में पाई जाती हैं। इन्हें लोपा-मक्खियों (Dragon flies) के मुकाबले …

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गुलाबी सूंडी – कपास का कीड़ा

दुनिया भर में कपास के मुख्य हानिकारक कीटों में शुमार यह गुलाबी सूंडी आजकल हरियाणा में कम ही पाई जाती है। कीट वैज्ञानिक जगत में इस कीड़े को Pectinophora gossypiella के नाम से जाना जाता है। खानदान व गौत्र के हिसाब से यह कीट Lepidoptera क्रम के Gelechiidae कुल से संबंध रखता है। इस कीट …

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लोपा मक्खी – एक परभक्षिया कीटनाशी

लगभग पच्चीस करोड़ साल से इस धरती पर बास कर रही इन किसान मित्र लोपा मक्खियों को विभिन्न देशों में अलग-अलग नजरिये से देखा जाता है। यूरोप व नई दुनियां के देशों में, लोपा मक्खियों को अक्सर बुरी नजर से देखा जाता है। इसीलिये तो इसे “शैतान की सूई, “कान-कटवी”, “नरक की घोड़ी”, “यमराज की …

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जयन्तु- एक परभक्षिया कीटनाशी राम का घोड़ा

राम का घोड़ा ! ना.. बाबा.. ना। यू तो नेता जी सै, पाछले जन्म में हाथ जोड़न की बाण कौन गई – हथजोड़े की । यू जो भी सै, सै पक्का छलिया। देखन में दूब बरगा अर दोनों हाथ जोड़े खड़ा| सिर पर इसकै ताज! मांस खाना मुख्य काज!! फेर तो यू ना राम का …

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प्राकृतिक कीटनाशी – अंगीरा !

2005 की साल हरियाणा प्रान्त में अमेरिकन कपास की साधारण किस्मों की जगह बी.टी. हाइब्रिडों का प्रचलन हुआ। इसके साथ ही कपास की फसल में फिनोकोक्स सोलेनोप्सिस नाम का मिलीबग भस्मासुर बन कर सामने आया और देखते-देखते ही कांग्रेस घास के पौधों पर भी छा गया। संयोग देखिये, अमेरिकन कपास, कांग्रेस घास व मिलीबग का …

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सांवला मत्कुण

सांवला मत्कुण की गिनती कपास की फसल में हानि पहुचने वाले छिट-पुट कीटों में होती है. इस कीड़े का जिक्र तो कपास के फोहे खराब करने के लिए या घरों में भण्डारण के समय इंसानों को दुखी करने के लिए ज्यादा किया जाता है | कपास की लुढाई के समय इस कीट के प्रौढ़ों व् …

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तम्बाकूआ-सुंडी

तम्बाकूआ-सुंडी सामनी के समय म्हारे हरियाणा में कपास के साथ-साथ अरहर व डैंचा के पौधों पर दिखाई देने वाला एक पर्ण-भक्षी कीड़ा है। इस सुंडी को कीट-वैज्ञानिक Spodoptera litura कहते-लिखते हैं। अंग्रेज इसे टोबैको केटरपिलर के नाम से पुकारते हैं | इसके परिवार को Noctuidae व वंश-क्रम को Lepidoptera कहा जाता है। इस कीड़े का …

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