मिलीबग के कुशल शिकारी के रूप में आमतौर पर दस किस्म की बुगडी पायी गई है । स्थानीय लोग इन्हें मनयारी या जोगिन कहते हैं । स्कूल में पढने वाले इन्हें पास-फेल के रूप में जानते हैं अंग्रेज लोग इन्हें लेडिबीटल या लेडीबग के नाम से पुकारते हैं। इनके बालिग व शिशु जन्मजात मांसाहारी कीट होते हैं । इनके भोजन में विभिन्न कीटों के अंडे, तरुण सुंडियां, अल या चेपा, मिलीबग, चुरडा, तेला, सफ़ेद मक्खी व् फुदका आदि अनेक हानिकारक कीट शामिल होते हैं। जिन्हें ये बड़े चाव से खाते हैं।
हमारे खेतों में इनकी उपस्तिथि ,कीटनाशकों पर होने वाले खर्च में कटोती करवा सकती है। हम इन्हें उम्दा कीटनाशी भी कह सकते हैं क्योंकि ये कीटों को खा कार उनका सफाया हमारे लिए मुफ्त में ही करते हैं जबकि कीटनाशकों पर इसी काम के लिए हमें पैसा खर्च करना पडता है। अतः हम इनकी सही पहचान, हिफाजत व वंशवृद्धि कर जहाँ खेती के खर्च को घटा सकते हैं वहीं कीटनाशकों के दुष्प्रभावों से मानव स्वस्थ की रक्षा कर बहुत बड़ी समाज सेवा भी कर सकते हैं।