मौसम का पूर्वानुमान Weather Forecast मौसम का आगामी पांच दिनों का पूर्वानुमान जो कि 2 नवंबर सुबह साढ़े आठ बजे तक के लिए भारत मौसम विज्ञानं विभाग ने उपलब्ध कराया है जिसे आगरा जिले के किसान भाईयों को www.greenalerts.in वेबपोर्टल के माध्यम से निशुल्क प्रदान किया जा रहा है
मौसम का पूर्वानुमान 29/10 से 02/11/2022 8:30 AM
मौसम कारक | 29 Oct | 30 Oct | 31 Oct | 01 Nov | 02 Nov |
वर्षा (मिमी) | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
अधिकतम तापमान(से.) | 33.4 | 33.1 | 32.8 | 33.4 | 33.7 |
न्यूनतम तापमान(से.) | 18.2 | 17.3 | 17.6 | 17.9 | 18.5 |
अधिकतम सापेक्षिक आर्द्रता (%) | 46 | 49 | 47 | 48 | 46 |
न्यूनतम सापेक्षिक आर्द्रता (%) | 22 | 20 | 23 | 23 | 25 |
हवा की गति (किमी प्रति घंटा) | 5.0 | 5.8 | 5.9 | 5.1 | 5.9 |
पवन दिशा (डिग्री) | 90 | 112 | 158 | 150 | 160 |
क्लाउड कवर (ओक्टा) | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
मौसम का पूर्वानुमान
कृषि विज्ञान केन्द्र बिचपुरी आगरा और भारत मौसम विज्ञान विभाग नई दिल्ली से प्राप्त मौसम के पूर्वानुमान के आधार पर आगामी पांच दिनों में साफ बादल रहने व वर्षा नहीं होने का अनुमान है
हवा लगभग 5.0 से 5.9 किमी प्रतिधंटा की औसत गति से मुख्यतः पूरव से दक्षिण – पूरव से बहने की संभावना है।
अधिकतम तापमान 32.8 से 33.7
न्यूनतम तापमान 17.3 से 18.5 डिग्री सेल्सियस के लगभग रहने की संभावना है।
आपेक्षिक आर्द्रता सुबह 46 से 49 व शाम को 20 से 25 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है।
सामान्य सलाह
किसानों भाईयों को सलाह है कि खरीफ फ़सलों (धान) के बचे हुए अवशेषों (पराली) को ना जलाऐ। क्योकि इससे वातावरण में प्रदूषण होता है, जिससे स्वास्थय सम्बन्धी बीमारियों की संभावना बढ जाती है।
इस कारण फसलों की उत्पादकता व गुणवत्ता प्रभावित होती है।किसानों को सलाह है कि धान के बचे हुए अवशेषों (पराली) को जमीन में मिला दें इससे मृदा की उर्वकता बढ़ती है, साथ ही यह पलवार का भी काम करती है।
धान के अवशेषों को जमीन में गलाने के लिए लिए पूसा डीकंपोजर कैप्सूल का उपयोग 4 कैप्सूल/हेक्टेयर की दर से किया जा सकता है।
अगेती रबी फसलों की तैयारी के लिए खेत की जुताई करने के तुरंत बाद पाटा अवश्य लगाएं ताकि मिट्टी से नमी का ह्रास न हो।
एग्रो एडवाइजरी
फ़सल | फ़सल विशिष्ट सलाह |
बरसीम | पशुपालको को सलाह दी जाती है कि बरसीम की बुवाई के लिए खेत की तैयारी करें। बुवाई का समय मध्य अक्टूबर से मध्य नवंबर तक उचित रहता है प्रजातियां– वरदान, मेस्कावी, J.H.B-146, J.H.T.B-146. बीज दर: प्रति हेक्टेयर 25-30 किग्रा० बीज बोते है। पहली कटाई मे चारा की उपज अधिक लेने के लिए 1 किग्रा० /हे० चारे वाली टा -9 सरसों का बीज बरसीन में मिलाकर बोना चाहियें। उर्वरक: 20 किग्रा० नत्रजन एंव 80 किग्रा० फास्फोरस प्रति हेक्टेयर की दर से बोते समय खेत में छिड़कर कर मिट्टी में अच्छी तरह मिला दें। |
गेहूँ | मौसम को ध्यान में रखते हुए गेंहू की बुवाई हेतू खाली खेतों को तैयार करें तथा उन्नत बीज व खाद की व्यवस्था करें। उन्नत प्रजातियाँ– सिंचित परिस्थिति– (एच. डी. 3226), (एच. डी. 2967), (एच. डी. 3086), (एच. डी. 2851)। बीज की मात्रा 100 कि.ग्रा. प्रति हैक्टर। जिन खेतों में दीमक का प्रकोप हो तो क्लोरपाईरिफाँस 20 ईसी @ 5 लीटर प्रति हैक्टर की दर से पलेवा के साथ दें। नत्रजन, फास्फोरस तथा पोटाश उर्वरकों की मात्रा 120, 50 व 40 कि.ग्रा. प्रति हैक्टर होनी चाहिये। |
बागवानी विशिष्ट सलाह
बागवानी | बागवानी विशिष्ट सलाह |
बैंगन | टमाटर ओर बैगन की फसल में तना छेदक एवं फल छेदक कीट का प्रकोप दिखने पर इमिडाक्लोप्रिड़ 17.8 प्रतिशत एस एल @ 0.5 मि.ली. प्रति लीटर की दर से छिड़काव करें। |
पशुपालन विशिष्ट सलाह
पशुपालन | पशुपालन विशिष्ट सलाह |
भेंस | अक्टूबर व नवंबर के महीन में मौसम में बदलाव आता है। दिन में गर्मी व रात को ठंड का अहसास होना शुरू हो जाता है। दिन का अधिकतम तापमान 30 से 32 डिग्री रहता है। रात को तापमान में गिरावट आती है। पशुओंशुओं शुओं में बुखार, दस्त व थनैला नै रोग की शिकायत रहती है। गर्म सर्द की सबसे ज्यादा संभावना होती है। पशुओं में मुंह –खुर की शिकायत है तो वे अपने नजदी की पशु चिकित्सक के पास जाकर संपर्क कर सकता है। ताकि समय रहते पशुओं को टीके लगाए जा सकें। इससे पशु स्वस्थ रहता है। दूध नहीं घटता है। |
भूमि तैयारी विशिष्ट सलाह
भूमि तैयारी | अन्य (मृदा / भूमि तैयारी) विशिष्ट सलाह |
सामान्य सलाह | किसान भाई इस समय बन्दगोभी, फूलगोभी एवं ब्रोकोली की पौध पौधशाला में तैयार कर सकते है एवं पालक – पूसा ऑलग्रीन, पूसा भारती, मेथी – पूसा कसुरी, धनिया– पंत हरितमा या संकर क़िस्मों की बुबाईभी मेड़ों पर कर सकते है बुवाईं से पूर्व मिट्टी में उचित नमी का ध्यान रखें। |
गृह विज्ञान | किशोरावस्था में प्रोटीन की आवश्यकता अधिक होती है इसकी कमी को पूरा करने के लिए दैनिक आहार में प्रोटीन से समृद्ध भोज्य पदार्थ जैसे दालें, अंकुरित अनाज ,बादाम, दूध, पनीर ,ब्रोकली, दही, बेसन ,भुना चना ,मूंगफली इत्यादि शामिल करें। |