भीं-भीं करते हुए चारपाई के शेरुओं और बाईयों के सुराखों में घुसने वाला यह कीड़ा भंभीरी ही तो होता था। अब जब खाट के ये शेरू अर बाई बांस के नहीं रहे तो ये भंभीरी भी घरों में कम दिखाई देने लगी। आज कल तो ज्यादातर खेतों में पोल्ट्री व् डेरी के आसपास जमीन में सुरंग खोद कर रहती हैं।
अंग्रेज इनको digger wasp के नाम से जानते हैं। कीट विज्ञानिक इनको Oxybelus sp के रूप में जानते पहचानते हैं। नामकरण की द्विपदी प्रणाली के मुताबिक इस कीट का कुटुम्ब Crabronidae व वंशक्रम Hymenoptera है।
भंभीरी एकांकी जीवन जीती है।
कीट की प्रौढ़ मादा अपनी अगली टांगों के मदद से रेतीली मिट्टी में अपने घोंसले का निर्माण करती है। इस निर्माण में एक या दो प्रकोष्ठ ही होते हैं।