Various levels of air pollution on the basis of AQI standards and its impact on human health.
आजकल वायु प्रदूषण की समस्या मानव स्वास्थ के लिए एक नई चुनौती ही बन गई है। हर साल हवा की गुणवत्ता में गिरावट देखने को मिल रही ।
गुणवत्ता को वायु गुणवत्ता सूचकांक द्वारा मापा जाता है। वायु गुणवत्ता सूचकांक या Air quality Index दैनिक वायु गुणवत्ता की रिपोर्ट करने के लिए एक सूचकांक है। यह बताता है कि हवा कितनी साफ या प्रदूषित है, और इससे जुड़े स्वास्थ्य प्रभाव चिंता का विषय हो सकते हैं। AQI को छह श्रेणियों में बांटा गया है।
AQI मापदंड 0 से 500 तक चलता है। AQI मान जितना अधिक होगा, वायु प्रदूषण का स्तर उतना ही अधिक होगा और स्वास्थ्य संबंधी चिंता भी उतनी ही अधिक होगी। शून्य से 50 AQI मान अच्छी वायु गुणवत्ता का प्रतिनिधित्व करता है । 51 से 100 मान आमतौर पर संतोषजनक माना जाता है । 101 से 150 संवेदनशील समूहों के लिए अस्वास्थ्यकर, 151 से 200 सब के लिए अस्वास्थ्यकर, 201 से 300 बहुत अस्वास्थ्यकर और 301 से 500 AQI मान खतरनाक वायु गुणवत्ता का प्रतिनिधित्व करता है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक की संख्या को कण पदार्थ यानी पार्टिकुलेट मैटर पीएम10 पीएम 2.5 में व्यक्त किया जाता है। पीएम 10 का मतलब होता है की हवा में धूल और धुएं में पाए जाने वाले बेहद छोटे कण हैं, जिनका व्यास 10 माइक्रोमीटर (0.01 मिमी) या उससे छोटा है। भारत के केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, पीएम 2.5 और पीएम 10 के लिए वार्षिक औसत स्वीकार्य सीमा क्रमशः 40 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है।
यह सन्देश केवल सूचना प्रदान करने के उद्देश्य से दिया जा रहा है |